
बहुत से लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन लोगों की जरूरतें ही इतनी ज्यादा होती है कि सपनों को पूरा करने का नंबर नहीं आ पाता सीमित आय में व्यक्ति अपनी जरूरतें पूरी कर ले इतना ही काफी है। ऐसे में काम आती है फाइनेंशियल प्लानिंग! अगर समय रहते ही अपनी इनकम के अनुसार फाइनैंशल प्लानिंग कर ली जाए तो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है, और आप अपने सपनों को सच्चाई में बदल सकते हैं. तो आज हम आपको लिमिटेड इनकम और इन्वेस्टमेंट के बीच कैसे सामंजस्य बैठाया जाए इसके बारे में कुछ टिप्स देंगे;
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आय के अनुसार बनाएं अपना बजट;
Financial planning करते समय आपको एक बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि अपनी इनकम के अनुसार अपना बजट बनाएं। कितनी आय हो रही है और आप कितना खर्च कर रहे हैं, आपके पास इसका लिखित ब्योरा होना चाहिए। इतना ही नहीं आपको इस बात का भी आकलन करना है कि आप खर्च की बात कितनी सेविंग कर पा रहे हैं इसके बाद ही आप उस प्लान को चुनें जिसमें आप निवेश कर सके।
इमरजेंसी फंड;
आक्समिक खर्चे किसी के सामने भी आ सकते हैं इसलिए आपको एक इमरजेंसी फंड बनाना भी बेहद जरूरी है। अपनी कमाई का कुछ हिस्सा उस इमरजेंसी फंड में डालें जिससे जब आपके सामने कोई आपात स्थिति आए तो आपको अपनी निवेश की गई रकम खोलना निकालना पड़े।
लोन लेते समय इस बात का रखें ध्यान
आजकल युवा वर्ग अपनी जीवनशैली में बदलाव करने के लिए काफी बड़ा लोन ले लेते हैं जो उनकी भी पेमेंट की क्षमता से काफी ज्यादा होता है। Financial planning करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि लोन उतना ही ले जिसको आप आसानी से चुका सके, क्षमता से अधिक लोन लेने की बिल्कुल भी गलती ना करें।
खुद करें अपनी फाइनेंशियल प्लैनिंग;
अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को सक्सेसफुल बनाने के लिए सबसे बेहतर रास्ता है कि आप को इस बात की जानकारी हो कि मनी मार्केट कैसे काम करता है जब आप यह सीख लेंगे तो आप फैसले लेने में ज्यादा सक्षम हो पाएंगे और छोटी-छोटी गलतियों से बचेंगे। मनी मार्केट को समझने के बाद आप अपनी फाइनेंशियल प्लैनिंग को अमल में लाने के लिए ज्यादा अच्छी तरह से तैयार होंगे।