जैसा कि सभी जानते है कि कोरोना वायरस की वजह से देश की हालत बहुत ख़राब है। कई सारी सरकारी काम और गैर सरकारी काम बहुत प्रभावित हुए है। Coronavirus की वजह से पिछले दो-ढाई महीनों तक कई सारे काम प्रभावित हुए है।
Table of Contents
- 1 आईटीआर फाइल में अक्सर होती हैं ये गलतियां
- 2 इन गलतियों के कारण हो सकता है भारी नुकसान
- 3 Last Date का इंतजार करना:-
- 4 सभी बैंक खातों की डिटेल न भरना:-
- 5 इनकम कैलकुलेशन में गलती करना:-
- 6 ITR फाइल भरने के लिए गलत फार्म सबमिट करना:-
- 7 ITR फाइल ऑनलाइन-वेरिफिकेशन में देरी:-
- 8 टीडीएस (TDS) के आंकड़ों में अंतर आना:-
आईटीआर फाइल में अक्सर होती हैं ये गलतियां
केंद्र सरकार ने करदाताओं के लिए इनकम टैक्स रिटर्न में राहत भी दे दी है। सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की डेट 31 जुलाई थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इसकी डेट बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है। इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले अब 30 नवंबर तक अपना टैक्स भर सकते है।
आज इस लेख के माध्यम से इनकम टैक्स रिटर्न करने वाले लोगों के लिए बहुत महत्वपुर्ण जानकारी उपलब्ध करा रहे है। इस लेख में हम बतायेगे कि ITR फाइल करते समय हम क्या गलतियां कर देते है, जिससे हमें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। 26AS फॉर्म में कई सारे बदलाव किये गए है इसलिए ITR फाइल भरते समय सावधानी बरतना बहुत जरुरी है। ये गलतियां क्या है आपको निचे बताया गया है।
इन गलतियों के कारण हो सकता है भारी नुकसान
Last Date का इंतजार करना
सभी बैंक खातों की डिटेल न भरना
इनकम कैलकुलेशन में गलती करना
ITR फाइल भरने के लिए गलत फार्म सबमिट करना
ITR फाइल ऑनलाइन-वेरिफिकेशन में देरी
टीडीएस के आंकड़ों में अंतर आना
Last Date का इंतजार करना:-
बता दें अधिकतर ऐसा होता है कि ITR फाइल भरते करदाताओं द्वारा लास्ट डेट का इंतजार करते है, और लास्ट डेट आने पर जल्दबाजी के चक्कर में कई सारी गलतियां भी कर बैठते है। कुछ गलतियां ऐसी होती है कि उन्हें सुधारने का भी समय नहीं मिल पाता है। इससे भारी नुकसान होने की संभावना होती है। इसलिए लास्ट डेट का इंतजार न करें, लास्ट डेट आने से पहले ही आप रिटर्न फाइल कर लें।
सभी बैंक खातों की डिटेल न भरना:-
अधिकांश करदाता अपने सभी बैंक की डिटेल्स नहीं देते है, जिससे उन्होंने वित्तीय ट्रांजेक्शन किये थे। सभी बैंक की डिटेल्स न देना गैरकानूनी है, आपको इस संबंध में जेल भी हो सकती है और काफी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। आयकर विभाग द्वारा अधिनियम के तहत साफ साफ कहा गया है कि अपने सभी बैंक की डिटेल्स जरू दे जिसमे आपके खाते है और वित्तीय ट्रांजेक्शन किए जाते है।
इनकम कैलकुलेशन में गलती करना:-
अधिकांश करदाता इनकम की कैलकुलेशन में गलती (Mistake in income calculation) कर देते है, इस वजह से कई सारा नुकसान होने की गुंजाइश रहती है। इनकम का सही कैलकुलेशन करने के लिए आप इस हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि ई-फाइलिंग के दौरान कोई गलती न हो। यदि कंप्यूटर में दिया गया परिणाम आपके दिए गए आकड़ों से मेल नहीं खाता है तो अपनी सभी डिटेल्स को द्वारा चेक करना जरुरी है। ई-फाइलिंग करते समय दिए गए आकड़े सही होने चाहिए और आपस में मेल खाने होने चाहिए।
ITR फाइल भरने के लिए गलत फार्म सबमिट करना:-
ITR फाइल भरते समय अधिकांश लोग गलत फॉर्म भर देते है, इस वजह से उनका ITR फाइल नहीं हो पाता है। बता दें आयकर विभाग द्वारा कई सारे फॉर्म में बदलाव किये गए है इसलिए अपने फॉर्म को सेलेक्ट करें, कारोबारियों के लिए फॉर्म अलग होता है। इसलिए अपने फॉर्म को ध्यान से चुने, तभी आप ITR फाइल भरें।
ITR फाइल ऑनलाइन-वेरिफिकेशन में देरी:-
ITR फाइल ऑनलाइन-वेरिफिकेशन करना बहुत महत्वपुर्ण है। जब तक आप अपना ऑनलाइन-वेरिफिकेशन नहीं करवा लेते तब तक आपका रिटर्न की प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जाती। करदाता दो तरिके से return file कर सकते है। पहला यह है कि ITR फाइल भरने के बाद आप वेरिफिकेशन के लिए रसीद को 120 दिनों के भीतर सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) बेंगलुरू को भेज सकते है। और दूसरा आप ऑनलाइन वेरिफिकेशन करा सकते है। यह सबसे आसान तरीका है।
टीडीएस (TDS) के आंकड़ों में अंतर आना:-
यह भी एक कारण है। अधिकांश करदाता टीडीएस के आकड़े गलत डाल देते है इस कारण टीडीएस के आंकड़ों में अंतर आता है। इस कारण उनका फॉर्म रद्द भी हो जाता है। इस बात का ध्यान रखे कि आपके 26 एएस फॉर्म में आपकी इनकम जो TDS के आकड़े है वही आप ITR फाइल भरते समय डाले।