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Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 : सरकार जैविक खेती के लिए दे रही है 50 हजार रुपये, जानिए पूरी जानकारी

Paramparagat Krishi Vikas Yojana: सरकार जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। लेकिन कई किसानों को इसके बारे में आवश्यक जानकारी नहीं है। केंद्र सरकार परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) लेकर आई है, इस योजना के तहत, आप जैविक खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये प्राप्त कर सकते हैं।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana: सरकार जैविक खेती के लिए दे रही है 50 हजार रुपये, जानिये कैसे

Paramparagat Krishi Vikas Yojana

क्या है PKVY Paramparagat Krishi Vikas Yojana

मोदी सरकार लगातार जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रही है, और उसने परम्परागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की है। यह योजना 2015 में शुरू की गई थी। यह केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस), सतत कृषि पर राष्ट्रीय मिशन के तहत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (एसएचएम) का एक विस्तारित घटक है।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana In Hindi

योजना का नाम परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)
किसके द्वारा आरम्भ की गयी भारत सरकार (Govternment Of India)
सम्बंधित विभाग कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना
लाभार्थी राज्य के किसान
आर्थिक लाभ 50000/- रूपए
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन/ऑफलाइन
ऑफिसियल वेबसाइट यहाँ क्लिक करें

स्कीम के तहत फंडिंग पैटर्न

इस योजना के तहत फंडिंग पैटर्न क्रमशः केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 60:40 के अनुपात में है। और केंद्र और राज्य सरकार द्वारा क्रमशः पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए 90:10। और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 100% सहायता।

PKVY Paramparagat Krishi Vikas Yojana में मिलते है 50 हजार रुपये

इस योजना के तहत तीन साल के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है। सरकार किसानों को जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, वर्मीकम्पोस्ट आदि खरीदने के लिए 31000 रुपये यानी 61% देती है।

मिशन आर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट फॉर नॉर्थ इस्टर्न रीजन के तहत किसानों को जैविक इनपुट खरीदने के लिए तीन साल में प्रति हेक्टेयर 7500 रुपये की मदद दी जा रही है.

सॉइल हेल्थ मैनेजमेंट के तहत निजी एजेंसियों को नाबार्ड के जरिए प्रति यूनिट 63 लाख रुपये लागत सीमा पर 33 फीसदी आर्थिक मदद मिल रही है.

पिछले 4 वर्षों में प्रदान की गई वित्तीय सहायता

सालबजट एस्टीमेट (crore)रिवाइज्ड एस्टीमेट (crore)रिलीज (crore)
2017-18350250203.46
2018-19360335.91329.46
2019-20325299.36283.67
2020-21500350381.05
कुल15351235.271197.64

परम्परागत कृषि विकास योजना स्टेटिस्टिक्स

Active Regional Council334
Total Group26197
Approved Group26197
Total Farmer944030
Approved Farmer917371
Not Approved Farmer26659
Total Certificate2319892
Approved Certificate948822
Not Approve Certificate1371077
Area Offered For Organic Farming551112.279075419 Hectare

Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) की पात्रता

  • आवेदक भारत का स्थाई निवासी एवं किसान होना चाहिए।
  • आवेदक की आयु 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए।

परम्परागत कृषि विकास योजना हेतु आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • राशन कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • आयु प्रमाण पत्र
  • जमीन से जुड़े दस्तावेज
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर

परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया

  • सर्वप्रथम आपको कृषि विकास योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा।
  • ऑफिसियल वेबसाइट खुलने के बाद होम पेज पर आपको अप्लाई नाउ के विकल्प पर क्लिक करना है।
  • विकल्प पर क्लिक करने के बाद आवेदन फॉर्म खुल जाएगा।
  • आवेदन फॉर्म में पूछी गयी सभी महत्वपूर्ण जानकारी सही सही दर्ज एवं आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करें।
  • आवेदन फॉर्म पूर्णरूप से भर जाने के बाद “Submit” बटन पर क्लिक करें।
  • इस प्रकार आपका परंपरागत कृषि विकास योजना में सफ़लतवपूर्वक आवेदन हो जाएगा।

पोर्टल पर लॉगिन होने की प्रक्रिया

  • सर्वप्रथम आपको परम्परागत कृषि विकास योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा।
  • ऑफिसियल वेबसाइट खुलने के बाद होम पेज पर आपको “Login” का विकल्प दिखाई देगा, इस पर क्लिक करें।
  • ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद लॉगिन पेज खुल जाएगा।
  • इस पेज में आपको यूज़रनेम, पासवर्ड एवं कैप्चा कोड दर्ज करके “Login” बटन पर क्लिक करना है।
  • बटन पर क्लिक करने के बाद आप सफलतापूर्वक पोर्टल पर लॉगिन हो जाओगे।

कैसे मिलेगा जैविक खेती का सर्टिफिकेट।

जैविक खेती का प्रमाण-पत्र लेने की एक प्रक्रिया है. इसके लिए आपको आवेदन करना होता है. प्रमाण-पत्र लेने से पहले मिटटी, खाद, बीज, सिंचाई, कीटनाशक, कटाई, पैकिंग, और भण्डारण सहित हर कदम पर जैविक सामग्री जरुरी है.

यह साबित करने के लिए इस्तेमाल की गई सामग्री का रिकॉर्ड रखना होता है. इस रिकॉर्ड के प्रमाणिकता की जांच होती है. उसके बाद ही खेत व उपज को जैविक होने का सर्टिफिकेट मिलता है.

इसे हासिल करने के बाद ही किसी उत्पाद को ‘जैविक उत्पाद’ की औपचारिक घोषणा के साथ बेचा जा सकता है. एपिडा ने आर्गेनिक फूड की सैंपलिंग और एनालिसिस के लिए एपिडा ने 19 एजेंसियों को मान्यता दी है.

जैविक खेती के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए www.jaivikkheti.in पर विजिस्ट करें. एवं PKVY के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें.

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