एलआईसी जीवन आनंद पॉलिसी में निश्चित अवधि के बाद पॉलिसी होल्डर को बीमा प्रीमियम के ही मृत्यु तक रिस्क कवर मिलता है.
एलआईसी जीवन आनंद पॉलिसी में निश्चित अवधि के बाद पॉलिसी होल्डर को बीमा प्रीमियम के ही मृत्यु तक रिस्क कवर मिलता है.
क्योंकि इस पॉलिसी के माध्यम से जीवित रहने तक तो अच्छा ख़ासा प्रॉफिट होता है, साथ ही रिस्क कवर भी रहता है.
क्योंकि इस पॉलिसी के माध्यम से जीवित रहने तक तो अच्छा ख़ासा प्रॉफिट होता है, साथ ही रिस्क कवर भी रहता है.
यदि किसी व्यक्ति ने 25 वर्ष की आयु में 25 साल के लिए इस पॉलिसी को 10 लाख का रिस्क कवर ख़रीदा है तो व्यक्ति की 50 वर्ष की आयु में पॉलिसी परिपक्व हो जायेगी.
यदि किसी व्यक्ति ने 25 वर्ष की आयु में 25 साल के लिए इस पॉलिसी को 10 लाख का रिस्क कवर ख़रीदा है तो व्यक्ति की 50 वर्ष की आयु में पॉलिसी परिपक्व हो जायेगी.
50 वर्ष की उम्र के बाद आपको रिस्क कवर के लिए किसी भी तरह का कोई प्रीमियम नहीं भरना होगा.
50 वर्ष की उम्र के बाद आपको रिस्क कवर के लिए किसी भी तरह का कोई प्रीमियम नहीं भरना होगा.
मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने 25 वर्ष की आयु में 10 लाख रुपए का प्लान 21 साल के लिए ले लिया हैं , तो उसे सालाना 54020 रुपए जमा कराने होंगे।
मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने 25 वर्ष की आयु में 10 लाख रुपए का प्लान 21 साल के लिए ले लिया हैं , तो उसे सालाना 54020 रुपए जमा कराने होंगे।
यदि हम 21 साल का कुल हिसाब लगाएं तो 21 साल में आपको लगभग 1134420 रुपए देने हैं
यदि हम 21 साल का कुल हिसाब लगाएं तो 21 साल में आपको लगभग 1134420 रुपए देने हैं
जबकि आपको 1000 रुपए पर सालाना 48 रुपए बोनस मिलता है। यदि हम 48 रुपए के हिसाब से बोनस लगाकर देखते हैं ,तो हमें हमारे द्वारा दी गई राशि पर सालाना 48,000 रुपए का बोनस प्राप्त होगा l
जबकि आपको 1000 रुपए पर सालाना 48 रुपए बोनस मिलता है। यदि हम 48 रुपए के हिसाब से बोनस लगाकर देखते हैं ,तो हमें हमारे द्वारा दी गई राशि पर सालाना 48,000 रुपए का बोनस प्राप्त होगा l
इस हिसाब से 21 वर्षों में कुल बोनस 10,08,000 रुपए होगा।जब आपकी पॉलिसी मैच्योर हो जाती है तो मैच्योरिटी के बाद आपकी राशि में आपको 1000 रुपए पर 20 रुपए के हिसाब से बोनस दिया जाता है।
इस हिसाब से 21 वर्षों में कुल बोनस 10,08,000 रुपए होगा।जब आपकी पॉलिसी मैच्योर हो जाती है तो मैच्योरिटी के बाद आपकी राशि में आपको 1000 रुपए पर 20 रुपए के हिसाब से बोनस दिया जाता है।
यदि पॉलिसी धारक की पॉलिसी के बीच में ही मृत्यु हो जाती हैं , तो उस समय पॉलिसी धारक के नॉमिनी को पॉलिसी की बीमा की राशि का 125% तक दिया जाता हैं।
यदि पॉलिसी धारक की पॉलिसी के बीच में ही मृत्यु हो जाती हैं , तो उस समय पॉलिसी धारक के नॉमिनी को पॉलिसी की बीमा की राशि का 125% तक दिया जाता हैं।
पॉलिसी के बीच में ही पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर यह फायदा भी मिलता है कि , मृत्यु के वक्त मिलने वाली कुल राशि पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता हैं।
पॉलिसी के बीच में ही पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर यह फायदा भी मिलता है कि , मृत्यु के वक्त मिलने वाली कुल राशि पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता हैं।