दरअसल, किस्त के आने में जो देरी हो रही है इसके पीछे पहला कारण माना जा रहा है कि सरकार फर्जी लाभार्थियों की पहचान कर रही है। ऐसे किसानों के आवेदन को रद्द किया जा रहा है।
जबकि किस्त के लेट होने का तीसरा कारण ई-केवाईसी है। इसके लिए आखिरी तिथि 31 अगस्त 2022 थी और अब ये समाप्त हो गई है। हालांकि, ओटीपी बेस्ड केवाईसी पोर्टल पर अभी उपलब्ध है।