7th Pay Commission Good News: केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है. डीए में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ अब यह 46 प्रतिशत हो गया है. केंद्र सरकार ने आने वाले त्योहारों को देखते हुए यह फैसला लिया है. सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों का HRA भी बढ़ा सकती है. सरकार ने क्रिसमस से पहले कर्मचारियों को बोनस, डीए और एरियर का भुगतान करने का फैसला किया है.
अब सातवें वेतन आयोग के महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी से नवम्बर महीने के वेतन में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को आये इस त्यौहारी सीजन में खुशियों से भर दिया है आइये जानते है विस्तार से खबर के बारे में.
Show Contents
7th Pay Commission DA Hike
क्रिसमस से पहले कई राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की घोषणा की है. कुछ राज्यों ने डीए में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है तो अन्य राज्यों ने 4 प्रतिशत डीए में बढ़ोतरी की घोषणा की है. यह फैसला पिछले सप्ताह केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए डीए में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद हुआ है.
केंद्र सरकार के मौजूदा कर्मचारियों के लिए डीए 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत हो गया है. यह 1 जुलाई 2023 से प्रभावी माना जायेगा. इसके बाद एक बार महंगाई भत्ता जनवरी 2024 में रिवाइज किया जायेगा और यह अब तक का सबसे बड़ा रिवाइजन हो सकता है. केंद्र सरकार द्वारा प्रत्यके वर्ष 1 जनवरी से 1 जुलाई के बीच संशोधन किया जाता है और यह सितम्बर-अक्टूबर के आस पास घोषित किया जाता है.
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को किस प्रकार समझ सकते है
महंगाई भत्ता अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति में उछाल की भरपाई के लिए कर्मचारियों को दी जाने वाली उनकी कमाई का हिस्सा है. यह कर्मचारियों को नकद रूप में दिया जाता है. जब भी मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी होती है तो नकदी की लागत कम हो जाती है. महंगाई तेजी के प्रभाव से कर्मचारियों की क्रय क्षमता कम हो जाती है.
महंगाई राहत यानि कि डीआर पेंशनभोगियों को दी जाने वाली एक नकद राशि है. जब भी यह बढ़ता है तो पेंशनभोगियों के माध्यम से प्राप्त धन में वृद्धि हो जाती है उन्हें मिलने वाली मासिक पेंशन बढ़ जाती है. यह उन्हें एक प्रतिशत के रूप में दिया जाता है जबकि डीआर पेंशन राशि पर दिया जाता है.
ये भी पढ़ें: आधार कार्ड से 1 लाख रूपये का लोन कैसे ले
DA Hike की वर्तमान स्तिथि क्या है
वर्तमान समय में जुलाई और अगस्त महीने के AICPI इंडेक्स नंबर जारी हो चुके हैं जल्द ही सितंबर के आंकड़े भी जारी होने वाले है जो महंगाई भत्ते पर असर डालेंगे. सद्गति दर के इंडेक्स 139.2 पॉइंट पर है जिससे महंगाई भत्ता 47.98 प्रतिशत हो गया है. सितंबर में इसके अच्छे संकेत हैं और यह 48.50 प्रतिशत को छू सकता है.
इसके पश्चात्, अक्टूबर, नवंबर, और दिसंबर के आंकड़े जनवरी 2024 में DA को कैसे प्रभावित करेंगे यह उसी समय तय किया जायेगा यहां तक कि जनवरी 2024 में DA कितना बढ़ाना होगा इसका निर्धारण करने के लिए हमें दिसंबर 2023 AICPI इंडेक्स नंबर का इंतजार करना होगा.
AICPI Index का नंबर क्या है
लेबर ब्यूरो ने AICPI इंडेक्स का नंबर जारी कर दिया है. इसके दो महीने यानि जुलाई और अगस्त के नंबर्स जारी कर दिया गये हैं. सितंबर का AICPI इंडेक्स का नंबर 31 अक्टूबर को आएगा. अभी तक इंडेक्स 139.2 अंक पर पहुंच चुका है. इस आधार पर कुल DA 47.97 प्रतिशत तक पहुंच चुका है. जून तक के नंबर के आधार पर महंगाई भत्ते में 4 फीसदी इजाफा किया गया है.
उस समय कुल महंगाई भत्ते का स्कोर 46.24 प्रतिशत पर था. अब सितंबर, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर के नंबर्स तय करेंगे कि जनवरी 2024 से कितना महंगाई भत्ता बढ़ेगा. एक्सपर्ट्स की मानें तो जनवरी 2024 तक महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत के निशान को पार कर जायेगा.
इसे भी देखें: इस स्कीम में निवेश करने पर मिलेगा गारंटीड रिटर्न, बुढ़ापा सुकून से गुजरेगा, लाखों रुपए का होगा फायदा
अगर DA 50 प्रतिशत तक हो गया तो क्या होगा
सातवें वेतन आयोग के अनुसार कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता 50 प्रतिशत के पार जायेगा तो इसे घटाकर 0 कर दिया जायेगा यानि की महंगाई भत्ते की गणना 0 से शुरू होगी और 50 प्रतिशत के हिसाब से जो भी राशि अर्जित की जाएगी उसे सरकारी राशि में मिला दिया जायेगा.
2016 में सातवाँ वेतन लागू होने के बाद सरकार ने इसे घटाकर 0 कर दिया था. अब इसका 50 प्रतिशत फिर से संशोधित कर 0 किया जा रहा है.
9000 रूपए तक बढ़ेगी सैलरी
जैसे ही महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत तक पहुंचेगा इसे घटाकर 0 कर दिया जाएगा और 50 प्रतिशत तक की राशि को मूल वेतन यानि न्यूनतम आय में लाया जा सकता है यानि कि किसी कर्मचारी का मूल राजस्व वेतन 18000 रुपये है तो उसे 50 प्रतिशत डीए 9000 रुपये मिलेगा.
अगर डीए 50 फीसदी है तो फिर महंगाई भत्ते को मूल आय में जोड़कर 0 कर दिया जाए तो मूलधन में 9000 रुपये जुड़ सकते हैं.